"शिक्षक दिवस " आज ५ सितम्बर
आज ५ सितम्बर
"शिक्षक दिवस " के अवसर पर सभी शिक्षकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ।
आज भी मैं बच्चों के उस प्यार को नहीं भूल पाती जो मुझे एक शिक्षिका के रूप में मिली। यही वह दिन है जब
मुझे लगता मैं बेकार में स्कूल छोड़ी। प्रत्येक वर्ष हमारे स्कूल में शिक्षक दिवस मनाई जाती। बच्चे बड़े ही मन से हमारे लिए कार्यक्रम तैयार करते और हर वर्ष मैं अपने कक्षा के
बच्चों को हिदायत देती कि किसी को कोई उपहार नहीं लाना है, न मेरे लिए न ही किसी और शिक्षक या शिक्षिका के लिए । वे बड़े ही मायूस होकर पूछते "क्यूँ " और मैं उन्हें समझाते हुए कहती
बस अपने बागीचे से "एक फूल" ले आना जिसके घर में हो । जिसके घर न हो वे
बाज़ार से नहीं लायेंगे। पर मैं उन बच्चों के स्नेह को देखकर दंग रह जाती । सुबह सुबह ज्यों ही मैं अपनी कक्षा पहुँचती एक एक कर बच्चे मेरे सामने आते और अपने हाथों से बनाये हुए कार्ड और
अपने बगीचे से लाये हुए फूल मुझे देते।
उनके स्नेह को देख मैं तो भाव विभोर हो जाती । जो बच्चे फूल नहीं भी लाते वे भी औरों के साथ आकर मुझे शिक्षक दिवस की बधाई देते । वे बच्चे मेरी भावनाओं की जो क़द्र करते और सम्मान देते वह मेरे लिए अनमोल उपहार होता । उस कार्ड में वे अपनी भावनाओं को व्यक्त करते जिसे पढ़ मैं आह्लादित हो जाती। आज भी मैं उनमे से कुछ कार्ड रखी हुई हूँ जो बच्चों ने मुझे दिया था।
आज शिक्षक दिवस के अवसर पर मैं उन सभी बच्चों को , हार्दिक शुभकामनाएँ एवं आर्शीवाद देती हूँ।
उनके स्नेह को देख मैं तो भाव विभोर हो जाती । जो बच्चे फूल नहीं भी लाते वे भी औरों के साथ आकर मुझे शिक्षक दिवस की बधाई देते । वे बच्चे मेरी भावनाओं की जो क़द्र करते और सम्मान देते वह मेरे लिए अनमोल उपहार होता । उस कार्ड में वे अपनी भावनाओं को व्यक्त करते जिसे पढ़ मैं आह्लादित हो जाती। आज भी मैं उनमे से कुछ कार्ड रखी हुई हूँ जो बच्चों ने मुझे दिया था।
आज शिक्षक दिवस के अवसर पर मैं उन सभी बच्चों को , हार्दिक शुभकामनाएँ एवं आर्शीवाद देती हूँ।
एक अद्भुत कलाकार , एक हंसमुख इंसान , मातृ -भक्त , एक सफल पिता और पति । ऐसा व्यक्ति जो हर रिश्ते की अहमियत जानता हो और उसे बखूबी निभाए, बहुत कम देखने को मिलते हैं।
एक प्रश्न का जवाब मुझे आज तक नहीं मिल पाया है । किसी का जन्मदिन या शादी की वर्षगाँठ उसके नही रहने पर से ख़ुशी क्यों नहीं मनाते ? क्या उस दिन दुखी होना लाजमी है ? वह व्यक्ति यदि आपका प्रिय है तो वह व्यक्ति रहे न वह दिन आपके लिए शुभ ही होगा । क्यों न उस शुभ दिन को ख़ुशी से मनाया जाय ? उसकी यादों को यादगार बनाया जाय ।
मेरी आज की रचना मेरे पति श्री लल्लन प्रसाद ठाकुर को समर्पित है जिनका आज जन्मदिन है। जो कहने को तो मेरे पास नहीं हैं, पर उन्हें मैं सदा अपने पास ही महसूस करती हूँ ।
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